New Delhi: सोनू सूद ने पिछले हफ्ते बृहन्मुंबई नगर निगम की तरफ से अक्टूबर महीने में उनके खिलाफ जारी किए नोटिस और दिसंबर में एक सिविल कोर्ट द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती देते हुए BMC की कार्रवाई के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाल ही में सोमवार के दिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने 13 जनवरी तक के लिए सिवील कोर्ट के उस आदेश को एक्सटेंड कर दिया है। जिसमें बिना किसी अनुमति के उपनगरीय जुहू में एक घर के द्वारा किए गए कथित अवैध स्ट्रक्चरल बदलाव के खिलाफ BMC की तरफ से की गई सोनू सूद को अंतरिम संरक्षण देने का आदेश दिया गया था।
सिवील कोर्ट ने BMC का मुकदमा खारिज करते हुए सोनू सूद को अपील दायर करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था और अपने आदेश पर रोक लगा दी, जिससे सोनू को काफी राहत मिली। सोमवार को BMC के वकील अनिक सखारे ने सोनू की याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा है। वहीं सोनू सूद के एडवोकेड अमोघ सिंह ने तब तक के लिए अंतरिम संरक्षण और नागरिक निकाय को एक निर्देश दिया कि वह कोई ठोस कार्रवाई न करें।

जज पृथ्वीराज चव्हाण ने याचिका को 13 जनवरी तक के लिए पोसपॉन्ड करते हुए कहा, “निचली अदालत द्वारा पारित आदेश तब तक जारी रहेगा।” सोनू सूद के वकील सिंह ने हाई कोर्ट को बताया कि एक्टर ने छह मंजिला शक्ति सागर भवन में कोई भी अवैध या अनथॉराइज निर्माण नहीं किया है। सिंह ने कहा “याचिकाकर्ता सोनू सूद ने उस इमारत में कोई बदलाव नहीं किया है जो BMC के नियम अनुसार है। केवल उन्हीं परिवर्तनों को अनुमति दी गई है जो महाराष्ट्र क्षेत्रिए और नगर नियोजन यानी MRTP अधिनियम के तहत किए गए हैं। ”
हालांकि BMC के वकील सखारे ने दलील दी कि याचिकाकर्ता सोनू सूद ने अवैध रूप से आवासीय भवन को बिना लाइसेंस के खरीद के होटल में बदलने का काम कर रहा था। सखारे ने कहा “6 मंजिला आवासीय भवन में 24 कमरों वाला एक होटल चलाया जा रहा है। BMC ने संपत्ति पर दो बार विध्वंस की कार्रवाई की है … 2018 में एक बार और फिर फरवरी 2020 में दूसरी बार.. लेकिन, अभी भी अवैध निर्माण जारी है।”